'वसुधैव कुटुम्बकम'
'SEKHAULIYA' A VILLAGE
'SEKHAULIYA' A VILLAGE
"अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् |अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् ||"
अर्थात् : आलसी को विद्या कहाँ अनपढ़ / मूर्ख को धन कहाँ निर्धन को मित्र कहाँ और अमित्र को सुख कहाँ |